पुस्तक ( कविता )
पुस्तक प्यारी, पुस्तक प्यारी
इसकी महिमा सबसे न्यारी
पुस्तक से मिलती है शिक्षा
पुस्तक से हो दूर अशिक्षा
पुस्तक में हर ज्ञान भरा है
विद्या का भंडार भरा है
चरित महापुरुषों के सुंदर
भरें प्रेरणा के नवीन स्वर
पढ़ने को मिलती कविताएं
जिन्हें याद कर हम सब गाएं
इसमें अपनी गौरव गाथा
जिसे झुकाएं हम सब माथा।
⋗ कविता
- विनोद चंद्र पाण्डेय
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